British School of Geographical Thought

 British School of Geographical Thought

हालफोर्ड जॉन मेकिण्डर

H.J Mackinder 1861-1947 मेकिण्डर का जन्म 15 फरवरी 1861 में लंकाशायर के गेन्सबर्ग में हुआ था। मेकिण्डर ब्रिटिश भूगोलवेत्ताओं में सबसे महान भूगोलवेत्ता हुये ब्रिटिश भूगोल सम्प्रदाय का संस्थापक माना जाता है। मेकिण्डर को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में रीडर नियुक्त किया  गया था इसी विश्वविद्यालय में 1899 में मेकिण्डर को प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में रहते हुये इन्होने स्कुल ऑफ ज्योग्राफी (School of Geography) नामक संस्था कि स्थापना की। मेकिण्डर ने रॉयल ज्यॉग्राफिकल सोसायटी में ब्रिटेन के भूगोल विषय के संबंध में 1987 में एक गंभीर विषय पर अति महत्त्वपूर्ण भाषण दिया जिसका विषय भूगोल की विधियाँ एवं विषय क्षेत्र पर था। इन्होने कहा कि भूगोल में केवल आकड़े जुटाना था उनका सग्रह करना उनका विश्लेषण करना ही भूगोल नही है भूगोल में विस्तृत क्षेत्र समाहित है  जिसका उदेश्य उनका अध्ययन करके मानव समाज तथा प्राकृतिक विज्ञानों के सामंजस्य स्थापित करना है। 25 जनवरी 1904 में मेकिण्डर ने रॉयल ज्यॉग्राफिकल सोसायटी की बैठक में अपना निबंध पढ़ा जिसका शीर्षक था इतिहास की भौगोलिक धुरी (The Geographical Pivot of History) इस लेख में उन्होने बताया कि वर्तमान समुद्री युग का समापन हो गया है पृथ्वी का कोई भी भाग खोजे जाने हेतु शेष नही है। वर्तमान में स्थल भाग हि निर्णायक होगा। सबसे बड़ा स्थलीय भाग एशिया यूरोप अफ्रीका है यह एक विशाल खंड है जिसका भू-राजनीतिक महत्त्व है यह हृदय स्थल है। जो कि समुद्री शक्तियों से सुरक्षित है। यूरेशिया में स्थित धुरी क्षेत्र इसलिए सुरक्षित है क्योकि इस क्षेत्र में बहने वाली नदियॉ आंतरिक सागर में गिरती या बर्फ के रुप में जमी रहती है।

मेकिण्डर का धुरी क्षेत्र 

1919 में मेकिण्डर की पुस्तक लोकतंत्रीय आदर्श एवं यथार्थता (Democratic Ideals and Reality) का प्रकाशन हुआ इसी पुस्तक में मेकिण्डर ने सर्वप्रथम हृदय क्षेत्र शब्द का प्रयोग किया। मेकिण्डर ने हृदय स्थल क्षेत्र वह क्षेत्र बताया जहाँ जल शक्ति का प्रवेश असंभव है। 

इस पुस्तक में मेकिण्डर ने अपना सामरिक सुत्र का प्रतिपादन किया।

जो पूर्वी यूरोप पर शासन करता है,

वह हृदय स्थल को नियंत्रित करता है;

जो हृदय क्षेत्र पर शासन करता है, 

वह विश्व द्वीप पर नियंत्रण रखता है;

जो विश्व  द्वीप पर शासन करता है,

वह विश्व पर नियंत्रण रखता है।

हृदय स्थल शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम जेम्स फेयर ग्रीव ने किया था जिसे मेकिण्डर ने अपनाया था।

1943 में मेकिण्डर ने विश्व सामरिकता पर उन्होने एक प्रपत्र लिखा जिसका इसमें विश्व हृदय क्षेत्र को बताया। इसी प्रपत्र के माध्यम से उन्होने लीना लैंड को हृदय स्थल क्षेत्र से बाहर कर दिया तथा हृदय स्थल क्षेत्र के साथ मध्य बेसिन शब्द का प्रयोग किया जिसमें उत्तरी अटलांटिक पूर्वी यूएसए तथा पश्चिमी यूरोप को शामिल किया। 

मेकिण्डर ने रेटजेल की पुस्तक एथ्रोफोज्योग्राफी का अनुसरण करते हुए कहा कि मानव भूगोलवेत्ता ही पूर्ण भूगोलवेत्ता है। 

पुस्तक 

  1. ब्र्रिटेन व ब्रिटिश सागर  Britain and British Seas 1992
  2. इतिहास की भौगोलिक धुरी Geographical Pivot of history 1904 इस पुस्तक में मेकिण्डर ने कहा कि वर्तमान समय सभी युद्ध का समापन हो गया है एवं भविष्य में थल शक्ति ही निर्णायक होगी।
  3. प्रजातांत्रिक आदर्श एवं यथार्थता  Democratic Ideals and Reality 1994
  4. आधुनिक विश्व के राष्ट्र Nations of the Modern World

मेकेण्डर का सामारिक सुत्र जो पूर्वी यूरोप पर शासन करता है वह हृदय क्षेत्र को नियन्त्रण करता है जो हृदय क्षेत्र पर शासन करता है वह विश्व द्वीप पर शासन करता है वह विश्व पर नियत्रंण रखता है।

हृदय स्थल 1919 में मेकेण्डर ने हृदय स्थल में डेन्यूब क्षेत्र एशिया माईनर तिब्बत मंगोलिया आदि क्षेत्रों को शामिल किया।

नोट मेकेण्डर के अनुसार हृदय स्थल एक ऐसा स्थल था जहाँ जल शक्ति का प्रवेश असंभव था।

मेकेण्डर ने अपने विश्व द्वीप में एशिया अफ्रीका व यूरोप को शामिल  किया था 1943 में मैकेण्डर ने विश्व सामरीमता पर एक पत्र द राउन्ड वर्ल्ड एंड विनींग ऑफ पीस लिखा इस प्रपत्र में मेकेण्डर ने लीनालैण्ड क्षेत्र को हृदय स्थल से बाहर कर दिया। 

नोट- इस प्रपत्र में मेकेण्डर ने साथ मिडलैण्ड शब्द का प्रयोग किया।

मध्य बेसीन मिडलैण्ड बेसिन- इसके अंतर्गत उत्तरी अटलांटिक पूर्वी एवं पश्चिमी यूरोप को शामिल किया।

नोट मेकेण्डर के हृदय स्थल को स्वाईकमेन ने अपनी पुस्तक द ज्योग्राफी ऑफ द वीस में रिमलैण्ड थ्योरी की।

मेकिण्डर के हृदय स्थल सिद्धांत की सर्वाधिक आलोचना स्पाइकमैन द्वारा की गइ उन्होने अपनी पुस्तक में हार्टलैंड की जगह यूरेशिया के तटीय क्षेत्र; जो मेकिण्डर के आतंरिक सीमावर्ती अर्द्धवत्त से समानता रखता है, को सामरिक दृष्टि से अधिक शक्तिशाली बताया  इस क्षेत्र को उन्होने रिमलैण्ड के नाम से संबोधित किया।

अमेरिकी भूगोलवेत्ता स्पाइकमैन द्वारा प्रतिपादित सामरिक सूत्र-

जो रीमलैंड को नियत्रिंत करता है,

वह यूरेशिया पर शासन करता है;

जो यूरेशिया पर शासन करता है,

वह विश्व के भविष्य को नियंत्रित करता है।


हालफोर्ड जॉन मेकिण्डर H.J Mackinder 1861-1947

ब्रिटिश में भूगोल सम्प्रदाय का संस्थापक है।

मेकिण्डर ने रेटजेल की पुस्तक एथ्रोफोज्योग्राफी का अनुसरण करते हुए कहा कि मानव भूगोलवेत्ता ही पूर्ण भूगोलवेत्ता है। 

पुस्तक 

ब्रिटेन व ब्रिटिश सागर Britain and British Seas 1992
इतिहास की भौगोलिक धुरी Geographical Pivot of history 1904 इस पुस्तक में मेकिण्डर ने कहा कि वर्तमान समय सभी युद्ध का समापन हो गया है एवं भविष्य में थल शक्ति ही निर्णायक होगी।
प्रजातांत्रिक आदर्श एवं यथार्थता

मेकेण्डर का सामारिक सुत्र जो पूर्वी यूरोप पर शासन करता है वह हृदय क्षेत्र को नियन्त्रण करता है जो हृदय क्षेत्र पर शासन करता है वह विश्व द्वीप पर शासन करता है वह विश्व पर नियत्रंण रखता है।

हृदय स्थल 1919 में मेकेण्डर ने हृदय स्थल में डेन्यूब क्षेत्र एशिया माईनर तिब्बत मंगोलिया आदि क्षेत्रों को शामिल किया।

नोट मेकेण्डर के अनुसार हृदय स्थल एक ऐसा स्थल था जहाँ जल शक्ति का प्रवेश असंभव था।

मेकेण्डर ने अपने विश्व द्वीप में एशिया अफ्रीका व यूरोप को शामिल  किया था 1943 में मैकेण्डर ने विश्व सामरीमता पर एक पत्र द राउन्ड वर्ल्ड एंड विनींग ऑफ पीस लिखा इस प्रपत्र में मेकेण्डर ने लीनालैण्ड क्षेत्र को हृदय स्थल से बाहर कर दिया। 

नोट इस प्रपत्र में मेकेण्डर ने साथ मिडलैण्ड शब्द का प्रयोग किया।

मध्य बेसीन मिडलैण्ड बेसिन- इसके अंतर्गत उत्तरी अटलांटिक पूर्वी एवं पश्चिमी यूरोप को शामिल किया।

नोट मेकेण्डर के हृदय स्थल को स्वाईकमेन ने अपनी पुस्तक द ज्योग्राफी ऑफ द वीस में रिमलैण्ड थ्योरी की।

एण्ड्रयू जॉन हरबर्टसन A.J Herbertson 1865-1915

 विश्व के प्राकृतिक प्रदेशों को 15 भागों विभाजित किया।

पुस्तक 

Man His work 1911
Major Natural Regions 1905

र्चोले व हेगेट

पुस्तक

सर लोरेंस डडले स्टेम्प Sir L.D Stamp 1898- 1966

सर डडले स्टेम्प का जन्म ब्रिटेन कि राजधानी लदंन में 1898 में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भूगोल विषय में हुई डडलं स्टेंम्प ने अपने शोध व अध्यापन कार्य हेतु विश्व कि विभिन्न भागों कि यात्रा कि अफ्रीका पूर्वी एशिया के देशों  भारत श्रीलंका म्यामांर भूटान आदि देशों कि यात्रा की इनका वर्णन इनकी शोध पत्रो पुस्तको में मिलता है।
डडले स्टेम्प द्वारा भूगोल के क्षेंत्र में अहम योगदान हेतु  इन्हे ऑनरेरी  डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। ये 1926 से 1965 तक लदंन के विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे। तथा अन्तराष्ट्रीय भूगोल (International Geographical) Union संगठन के अध्यक्ष रहे।

ब्रिटिश सरकार ने इन्हे सर की उपाधि प्रदान की 

पुस्तक 

संसार का सामान्य भूगोल वाणिज्य भूगोल Handbook of Commercial Geography
जीवन एंव मृत्यु का भूगोल Geography of Life and Death
चिकित्सा भूगोल के कुछ पहलु 
व्यावहारिक भूगोल Applied Geography 
ब्रिटेन की भूमि उपयोग एंव दुरुपयोग The Land of Britain : Its Use and Misuse
भूगोल का शब्दकोष Dictionary of Geography 

एस डब्लयु वूलरिज

पुस्तक भूगोल बतौर वैज्ञानिक

पी एम रॉवसबी

पुस्तक

चीन की रुपरेखा

रॉक्सबी ने मानव भूगोल को चार भागों में बाटा।

 जनजातिय भूगोल

सामाजिक भूगोल

आर्थिक भूगोल राजनैतिक भूगोल


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